अन्यदेव आहुः विद्यायाः अन्यत् आहुः अविद्यायाः इति शुश्रुम धीरणाम् ये नः तत् विचचक्षिरे ॥१३॥
वेद ज्ञान दाता ब्रह्म ने कहा है कि जिस व्यक्ति को अक्षर ज्ञान है उसे विद्वान कहते हैं जिसे अक्षर ज्ञान नहीं है उसे अविद्वान कहते हैं। परन्तु विद्वान तथा अविद्वान की वास्तविक जानकारी तत्वदर्शी सन्त ही बताते हैं उनसे सुनों।